"करवा चौथ"
एक समय की बात है , लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू उनसे रूठ गया और बोला, आपकी सब पूजा करते है, मुझे कोई नही पूछता, लक्ष्मी जी बोली, नाराज़ मत हो, अब से हर साल दिवाली पर मेरी पूजा से कुछ दिन पहले तुम्हारी पूजा होगी, उस दिन सब उल्लू पूजे जायेंगे, और वो दिन "करवा चौथ" के नाम से जाना जाएगा.....
सार : इस कथा का सार मेने ये निकाला है की, " पति उलू नहीं होते, उलू ही पति बनते है.....!!!
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