Friday, March 19, 2010

Shayeri

Posted by Harpreet Singh

चुनिन्दा शायरी........
चाँद सी चांदनी और सूरज सा तेज़ तुझमे
ऐय मेरी दिलरुबा मुझे दीखता है खुदा तुझमे,
हर लम्हा जी लेता हु तेरा नाम लेके,
हवाएं भी आती है मुझ तक तेरा पैगाम लेके....
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ना मसेजे है ना कॉल है,
ये कहाँ का कमाल है,
तुम बीन होती बेचैनी हमें,
तुमहे लगता ये धमाल है,
तुम जेसा मीले जो हमसफ़र अगर,
तभी तो बनती चाल है,
जो तू नहीं तो ये जानशी,
अपना तो न सुर है न ताल है...

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